Monday 16 November 2015

चारभुजा मंदिर छत्रवन(छाता)

नज़र नज़र मैं तुझको देखा!
न तुझसा देखा न तेरे जेसा 
कोई और देखा 
क्या कहू तेरी मुस्कराहट का 
तेरी मुस्कराहट का नज़ारा कुछ 
और देखा;

No comments: