Friday 22 May 2015

चारभुजा मंदिर छत्रवन(छाता)

जब से इन आंखो से ये आंखे मिली
तब ही से हो गयी है ये बाबरी आंखे!
ना धीर धरे अति बियाकुल है!!
उपजाती ही ये पुल्काब्ली आंखे!!!!!!!

No comments: